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मेहंदी कारोबार! सिर्फ तीन त्यौहारों में ही करोड़ों के वारे न्यारे

हाथों में मेहंदी रचने का कारोबार साइबर सिटी में तेजी से परवान चढ़ रहा है। ईद, हरियाली तीज और रक्षाबंधन पर करोड़ों के वारे न्यारे हो जाते हैं।
कारोबार से जुड़े लोग बता रहे हैं कि पिछली बार से इस बार कारोबार में 40 प्रतिशत का उछाल आया है। शनिवार से बाजारों में मेंहदी लगवाने के लिए युवतियों और महिलाएं आने लगी हैं। यह सिलसिला लगातार रक्षाबंधन तक जारी रखेगा।
आमतौर पर युवतियां और महिलाएं किसी विशेष उत्सव पर ही हाथों में मेहंदी रचवाती हैं। इन सभी को शायद ही पता होगा कि इसका यह शौक एक बड़े कारोबार को खड़ा कर चुका है। जुलाई से दिसंबर तक की अवधि को मेहंदी सीजन कहा जाता है। पिछले सीजन में गुड़गांव का मेहंदी कारोबार तकरीबन 60 करोड़ रुपये का था। पिछले 12 वर्षों से मेहंदी रचने का काम कर रहे सदर बाजार के ओम प्रकाश का कहना है शॉर्टटर्म का यह कारोबार काफी तेजी से फलफूल रहा है। उनका कहना है कि इस बार इसके 80 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

सदर बाजार में मेहंदी व्यापार से 50 लोग जुड़े हैं। 29 जुलाई को ईद और हरियाली तीज है। इसके लिए इनकी छोटी-छोटी दुकानें पूरे सदर बाजार में सैकड़ों स्थानों पर दिखाई दे रही हैं।

इस पर्व पर ही एक व्यापारी का कारोबार छह से सात लाख रुपये का होता है। इस हिसाब से सिर्फ सदर बाजार में तीन दिन के अंदर तीन तीन करोड़ से अधिक रुपये की कमाई होगी। वहीं गुड़गांव के मॉल्स, सेक्टरों और मोहल्लों में मेहंदी लगाने वालों की संख्या तकरीबन साढ़े तीन हजार से अधिक है।

क्या है मेहंदी लगाने का रेट…
हाथों में मेहंदी रचने का रेट डिजाइन और अवसर के हिसाब से अलग-अलग है। समान्य दिनों में यह 50, 100 और 500 रुपये एक हाथ में लगाने का है। ईद, हरियाली तीज, रक्षाबंधन पर मेहंदी लगवाने वालों के लिए रेट दो से ढाई गुना बढ़ गया है। 50 वाली मेहंदी 100 से 120, 100 वाली 200 और 500 वाली मेहंदी 800 में रची जा रही है। ब्राइडल मेहंदी 2100 से 21,000 रुपये में रची जा रही है।

राजस्थान से आती है महेंदी…
मेहंदी रचने वाले राजस्थान के सोजत से मेहंदी पाउडर मंगाते हैं। वहां इन्हें 120 रुपये किलो के भाव में यह पाउडर मिलता है।

बाहर से बुलाए आते हैं कारीगर…
गुड़गांव में मेहंदी रचने वाले कारीगर दूसरे राज्यों से बुलाए जाते हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उड़ीसा के कारीगर ज्यादा है। कारीगर उत्तर प्रदेश के हाथरस से आए कारीगर प्रेम ने बताया कि उसे दुकान वाले उसे ठेके पर बुलाते हैं। वहीं कन्नौज के प्रदीप और अरविंद ने बताया कि महीने के हिसाब से भी उनका भुगतान होता है।

मेहंदी की ये डिजाइन हैं प्रचलित…
-अरेबियन
-राजस्थानी
-मारवाड़ी
-ब्राइडल
-बांबे कट

Source: Amar Ujala

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